भगवद गीता का परिचय
भगवद गीता हिन्दू धर्म का एक महान ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व में संकलित है। यह 700 श्लोकों का एक दिव्य संवाद है, जो श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में हुआ था। जब अर्जुन युद्ध करने से हतोत्साहित हो जाते हैं, तब श्रीकृष्ण उन्हें धर्म, कर्म, भक्ति, योग और आत्मज्ञान की शिक्षा देते हैं।
मुख्य विषय एवं शिक्षाएँ
1. कर्मयोग – निस्वार्थ भाव से कर्म करना और फल की चिंता न करना।
2. ज्ञानयोग – आत्मा का परमात्मा से संबंध और सच्चे ज्ञान की प्राप्ति।
3. भक्तियोग – प्रेम और समर्पण के साथ ईश्वर की भक्ति करना।
4. धर्म एवं कर्तव्य – अपने धर्म (कर्तव्य) का पालन करना ही श्रेष्ठ है।
5. आत्मा का अमरत्व – शरीर नश्वर है, लेकिन आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।
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भगवद गीता का महत्व
भगवद गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन प्रबंधन, मानसिक शांति, आत्म-संयम और सफलता का मार्गदर्शन भी देती है। यह हमें सिखाती है कि कैसे हम संघर्ष, भय, संदेह और मोह से ऊपर उठकर अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।
गीता का संदेश सभी युगों और सभी मनुष्यों के लिए प्रासंगिक है, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या विचारधारा के हों।
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